Popular posts from this blog
ख्वाहिश की है |
रौशन जहाँ की ही ख्वाहिश की है मैंने अपने दिल की झूठे बाज़ार में सच्चाई के साथ आजमाइश की है | मालूम है बस फरेब है यहाँ तो फिर क्यों मैंने सपन भर आँखों में अपने उसूलों की नुमाइश की है | जब मेरी जिन्दगी मेरी नहीं तो क्यों? ख्वाब ले जीने की गुंजाइश की है | कुछ जज्बात हैं मेरे इस दिल के उनको समझ खुदा से मैंने बस कुछ खुशियों की फरमाइश की है | मैनें तो बस कुछ लम्हों के लिए रौशन जहाँ की ख्वाहिश की है | - दीप्ति शर्मा
ब्लॉग की प्रथम वर्षगांठ
आज मेरा सफ़र एक सीढ़ी चढ़ गया , बहुत कुछ पाया यहाँ रहकर मैंने , कितना कुछ सीखा तो आज इस अवसर पर बस यही कहना चाहती हूँ - आज ब्लॉग आकाश में असंख्य तारों के बीच चाँद सा प्यार दिया मुझे इस ब्लॉग परिवार ने | हर सुख दुःख में साथ निभाया है और बहुत कुछ सिखाया है इस ब्लॉग परिवार ने | एक साल गुजर गया पर यूँ लगता है जैसे सदियाँ बीत गयी हो आप सब का साथ पाकर | लगते हैं यहाँ सब अपने नही यहाँ गैर कोई बहुत सा प्यार दिया इस ब्लॉग परिवार ने | गलतियाँ जब हुई उचित मार्गदर्शन कर सही राह दिखाई इस ब्लॉग परिवार ने| जफ़र पथ पर चलकर मैं अब साथ चाहती हूँ हरदम आशीर्वाद चाहती हूँ इस ब्लॉग परिवार से | छोटो का स्नेह मिले बड़ों का आशीष बस इतना अधिकार चाहती हूँ इस ब्लॉग परिवार से | - दीप्ति शर्मा
Comments
बहुत ही बढ़िया कविता।
सादर
मैं तो खुली किताब था..मुझको दगा दे गया...
- दीनदयाल शर्मा
Wishing you a very happy Independence Day!
तू भी अपने सिर चढ़ा, कर्जा कभी उतार॥
बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
2- BINDAAS_BAATEN: व्यंगात्मक क्षणिकाएं......
3- MADHUR VAANI: व्यंगात्मक क्षणिकाएं......
please visit my blog.http://prernaargal.blogspot.com/
thanks.
BLOG PAHELI NO.1