अनकही बातें
(मेरे नए ब्लॉग पर पहली रचना )
अनकही बातें जो दिल कहेबस कह दीजिये यहाँ
दिल में उठे हर ज़ज्बात
वो बातें जो कहीं ना हों
बस महसूस की गयी हो
वो अनकही बातें
आँखों के पलछिन में
छुपी कुछ आहटें
वो अनकही बातें
उम्मीद सभी की ले
कह गयी मैं यहाँ
वो अनकही बातें |
Comments
सादर,
डोरोथी.
आभार
विजय
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कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html