दिल- ए- एहसास

                                                        
१.आपके चले आने से 
दिल को करार आ जाये 
जरा मुस्कुरा तो दीजिये 
इस महफ़िल में भी 
जान आ जाये|
                                           
                                                           
२. कहो ना कुछ पर ये 
निगाहें बोल जाती हैं 
दिल की बातें निगाहों 
से ही की जाती हैं|

                                                   
३. आँखों में बसकर 
दिल में उतर गये हो 
इस तरह तुम हमें 
अपना दीवाना कर गये हो|

दीप्ति शर्मा 


Comments

Anonymous said…
kya baat
Vaah Va Vah va....... bahut khubsurat rachana.
बहुत सुन्दर... हर एक पंक्ति लाजवाब...
बेहतरीन.....
बहुत ही बढ़िया।

------
कल 30/08/2011 को आपके दिल की बात नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बेहतरीन आलेख।
kshama said…
Bahut hee sundar rachnayen!
कम शब्दों में अधिक बयां करने का आपका अंदाज निराला है दीप्ति जी. बहुत सुन्दर. एक पुराना शेर याद आ गया-
मेरा साया मेरे साथ ही रहता है,
तन्हाई जो घर में थी अब बाहर है.
...बहुत ही सुन्दर सार्थक सन्देश छुपा है हर एक पंक्ति मे। बधाई सुन्दर रचना के लिये
Anamikaghatak said…
बहुत बढ़िया
Rajesh Kumari said…
bahut umda sher.very nice.
Unknown said…
बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना
रेखा said…
बहुत खुबसूरत एहसास ...
G.N.SHAW said…
दिल से दिल तक की सुन्दर असर !
बहुत भावनात्मक पंक्तिया |
बधाई |
आशा
Minakshi Pant said…
तुम्हारी शायरी पढकर मेरे दिल को सुकून मिलता है
तुम ऐसे ही लिखते रहना मेरा दिल ये दुआ करता है
बहुत सुन्दर दिप्प्ती |
बड़ी ही सहजता और मासूमियत से कोई किसी अपने से जो कह सकता है उसकी मिसाल है ये रचनाये.
यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो कृपया मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html
बहुत खूबसूरत कविताएँ बहुत -बहुत बधाई दीप्ति और ढेरों शुभकामनएं |
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