तुम

मेरे गीतों का संगीत हो तुम
सुर दिया मेरे स्वरों को जिसने
लवो पे छाई कलम से निकली
वो मनमुग्ध गजल हो तुम
सजदा करूँ जिसे दिल से
वही प्यार की कलि हो तुम
उम्मीद करूँ जीने की मैं 
जिसके हंसी दामन में अरे
ऐसी  मेरी हसरत हो तुम
जीती हूँ जिसके धडकने से
दिल की वही धड़कन हो तुम

- दीप्ति शर्मा 

Comments

Dr.B K Thakar said…
nice one
बहुत बढ़िया।

सादर

Popular posts from this blog

मैं

कोई तो होगा

नयन