कोई आया ही नहीं
जिसे चाहा उसे पाया ही नहीं
खुशियाँ दे जो मुझे हरदमऐसा कोई दिल मे समाया ही नहीं
ये दिल करता रहा इंतजार
पर किसी ने कभी मुझे अपना
समझकर सताया ही नहीं
लगा इक रोज यूँ जैसे मुझे
मिल गया है कोई अपना पर
उसने मुझे अपनाया ही नहीं
ऐसा लगता है मुझे ना जाने क्यों
जो समझ सके मुझे अपना
ऐसा कोई खुदा ने आज तक
कायनात मे बनाया ही नहीं
तभी तो आज तक कोई ऐसा
मेरी जिन्दगी मे आया ही नही|
- दीप्ति शर्मा
Comments
gud work.
keep it up