ये कैसी जिन्दगी
मेरी तबियत बहुत दिन से ख़राब है, दिन पर दिन बिगड़ ही रही है कोई सुधर नही लग रहा है,
रो रही थी अपनों को देख कर , की कहीं इनसे दूर न हो जाऊ और .....
कभी जिन्दगी यूँ
करवट लेती है
कि लगता है
मेरी जिन्दगी साथ
छोड़ मेरा मुझसे
दूर जा रही है |
होंठो पर हंसी रख
नकार दूँ हर दर्द
कभी कोई विपदा
या अनहोनी घटा
मेरी जिन्दगी साथ
छोड़ मेरा मुझसे
दूर जा रही है |
ये जुदा हो रही मुझसे
या मैं जुदा हूँ इससे
नहीं हम एक ही हैं
तभी तो आज ,
ये मुझे अपने
साथ ले जा रही है
अपनों से दूर कर
हाथ पकड़ मेरा
खुदा से मिलने जा रही है
मेरी जिन्दगी साथ
छोड़ मेरा मुझसे
दूर जा रही है |
कमजोर कर दिया
जो आसन हो ले जाना
मुझसे सबसे दूर
अब समझ आया ,
शायद अलविदा कहना
पड़ेगा मुझे अब सबसे
क्यों कि मेरी ये
जिन्दगी मुझे छोड़ नही
साथ ले दुनिया छोड़
दूर जा रही है
मेरी जिन्दगी मेरे
साथ जा रही है |
Comments
tu thik ho jayegi
samjh aaya na
शुभकामनाओं के साथ!
जो रंज की घडी भी ख़ुशी से गुजार दे...
निश्चिन्त रहिये आप जल्दी ही ठीक हो जायेंगी.
ईश्वर पे विश्वास रखिये दिल को मजबूत बनाइये.
हमारी शुभकामनाये आपके साथ है!!
ye panktiya achanak yaad aa gayi
jaldi tkeek ho jao aur jaldi se ek pyari si kavita post karo
shubhkamnaye
sundar rachna
GET WELL SOON DEEPTI.
very touching poem.congrats.
ये कैसी बातें करती हो.....खुदा महफूज़ रखे तुम्हे हर बला से......उस रहीम से दुआ करता हूँ की वो तुम्हे तमाम दुश्वारियों से निजात दे.....बीमारी से शिफा अता फरमाए.....आमीन...
हौसला रखो.....सब ठीक हो जायेगा......खुदा ने चाहा तो बहुत जल्द तुम ठीक हो जाओगी......अपना ख्याल रखना.....
ना दवा से कम है
जिंदगी आपकी मुस्करा रही
यह खामखा गम है.
इश्वर आपको स्वास्थ्य एवं साहस दें और आप सकारात्मक ऊर्जा से ओत -प्रोत रहें.
कभी जिन्दगी ने मचलना सिखाया
लगी ठोकरें तो सम्भलना सिखाया
सम्भलकर के जीना कठिन जिन्दगी में
उलझ भी गये तो निकलना सिखाया
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
शुभकामनाएं आपके लिये ....
झुण्ड के झुण्ड बादलों को बरसते देखा है ,
दुखों की जंजीरें बहुत मजबूत नज़र आती हैं ,
मगर ख़ुशी के एक झोंके से उन्हें बिखरते देखा