मैं चीख रही ,
मेरा लहू धधक रहा
कहीं सड़क लाल तो
कहीं बदरंग हो रही
पर ना बिजली चमकी
ना बरसात हुई
ना आँधी आयी
आयी तो उदासी
बस नसीब में मेरे
सुन ख़ुदा !
तू बहरा हो गया क्या ?
-दीप्ति शर्मा

Comments

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, कश्मीर किसका !? “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
Unknown said…
बहुत बढ़िया दीप्ति जी कम शब्दों को अच्छा विस्तार दिया आपने,,,साधुवाद

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