क्यों प्राण प्रियतम आये ना ??
चाँदनी ढल जायेगी फिर
क्या मिलन बेला आयेगी
मिलने को व्याकुल नयन ये तो
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
नयन बदरा छा गये
रिम-झिम फुहारों की घटा
मुझमें समाने और अब तक
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
विरह की इस वेदना को
अनुपम प्रेम में ढाल
अमानत बनाने मुझे अपनी
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
मुख गरिमा के चंचल तेवर
अलौकिक कर हर प्रेम भाव
मेरे मुख दर्पण के भाव देखने
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
निहारिका सा प्रेम रूप
छलकत निकट पनघट
निहारने उस प्रेम को
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
दीप्ति शर्मा
क्या मिलन बेला आयेगी
मिलने को व्याकुल नयन ये तो
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
नयन बदरा छा गये
रिम-झिम फुहारों की घटा
मुझमें समाने और अब तक
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
विरह की इस वेदना को
अनुपम प्रेम में ढाल
अमानत बनाने मुझे अपनी
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
मुख गरिमा के चंचल तेवर
अलौकिक कर हर प्रेम भाव
मेरे मुख दर्पण के भाव देखने
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
निहारिका सा प्रेम रूप
छलकत निकट पनघट
निहारने उस प्रेम को
क्यों प्राण प्रियतम आये ना??
दीप्ति शर्मा
Comments
संवेदन भाव लिए अभिव्यक्ति..
:-)
विरह वेदना का सुंदर गीत
दूर कर सब शिकायत
कह उठेंगे जरा बैठो मीत !