जिन्दगी
रात के अँधेरे साये में वो चिडचिडाती रौशनी कभी राह दिखाती है तो कभी बस आँखों में चुभती सी नजर आती है | यक़ीनन उस रौशनी के भीतर कोई ख्वाब , कोई उम्मीद है जो पल पल जलती है , पर उसी वेग से जगती भी जाती है |
अथाह मन में उत्पन्न हर बात और विचित्र विडंबनाओ से जूझती जिन्दगी , क्या कोई उम्मीद पूरी कर पायेगी या इस रौशनी में इसकी चमक फीकी पड़ जाएगी|
अद्रीश की तरह ऊँचाई का कोई मुकाम पा मेरी जिन्दगी आज किसी तारे की तरह आकाश में टिमटिमाएगी या धूमिल हो कोई अकस बन रह जाएगी |
हर एक चाह की तपिश में तप, मेरी उम्मीद एक नयी राह दिखाएगी |
कभी रौशनी में जिन्दगी पिलकायी जाएगी तो कभी दिल की गहराई से नापी जाएगी | साथ ले अपना अक्स बस चलती ही जाएगी |
कभी आत्मा को झकझोर देगी तो कभी पत्थरो से टकरा उड़ती चली जाएगी |
कभी अपनी मुस्कान में खुद को जान उस उम्मीद को पहचानने की आस से उसका असर देखेगी , तो कभी हर एहसास के साये में खुद को दिखा शांत नज़रों से कुछ खोजेगी |
क्या मेरी जिन्दगी ,
हर रौशनी में मेरा साथ देगी ?
या मुख्तलिफ़ हो मुझसे विस्मृत हो जाएगी |
ये मेरी जिन्दगी अंजोरी बन , मेरी हर राह आसान बना , हर अँधेरे साये की रौशनी को फांद बहुत दूर साथ निभाएगी |
बस मेरे साथ चलती जायेगी |
- दीप्ति शर्मा
अद्रीश -हिमालय
अकस-छाया
पिलकना -गिराना
अक्स-परछाई
मुख्तलिफ़- जुदा
Comments
काफी सुन्दर अभिव्यक्ति !
बारामासा पर आपसे कमेंट्स की अपेक्षा है. ....... शेष फिर.
keep writing.....all the best
श्री श्री 1008 श्री खेतेश्वर जयंती पर आज निकलेगी भव्य शोभायात्रा
or
जयंती पर आज निकलेगी शोभायात्रा
भाव अच्छे हैं पर मुझे लगा इन्हें ढंग से प्रस्तुत नहीं किया गया.....कई जगह टाइपिंग की अशुद्धियाँ भी रह गयी हैं......कोशिश अच्छी लगी.....
बस कमी यही रह गई की आप का ब्लॉग पे मैं पहले क्यों नहीं आया अपने बहुत सार्धक पोस्ट की है इस के लिए अप्प धन्यवाद् के अधिकारी है
और ह़ा आपसे अनुरोध है की कभी हमारे जेसे ब्लागेर को भी अपने मतों और अपने विचारो से अवगत करवाए और आप मेरे ब्लाग के लिए अपना कीमती वक़त निकले
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
बस कमी यही रह गई की आप का ब्लॉग पे मैं पहले क्यों नहीं आया अपने बहुत सार्धक पोस्ट की है इस के लिए अप्प धन्यवाद् के अधिकारी है
और ह़ा आपसे अनुरोध है की कभी हमारे जेसे ब्लागेर को भी अपने मतों और अपने विचारो से अवगत करवाए और आप मेरे ब्लाग के लिए अपना कीमती वक़त निकले
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
आपकी सभी कवितायेँ पसंद आयी है हमको कविता पढना अच्छा लगता है सुन्दर शब्द लिखती है और मतलब भी गहरा होता है,
bahut sundar likha hai ...
badhayi .
मेरी नयी कविता " परायो के घर " पर आप का स्वागत है .
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/04/blog-post_24.html
रहती हर-पल साथ जिंदगी,हो प्रकाश या अंधेरा
चाहे सुख के बदल बरसे,चाहे दुख ने हो घेरा
कभी नही संयम खोना,निश्चित मंज़िल मिल जाएगी,
रात घनी जितनी भी हो पर,होगा ज़रूर सवेरा
जिन्दगी एक पहेली है....जिन्दगी ही जवाब भी है,जिन्दगी सफ़र भी है, जिन्दगी ही मक़ाम है ....
बहुत सारे भाव अपने में समेटे ....एक सुन्दर आलेख ...
deepti jee..bahut bahut abhar!