Posts

Showing posts from January, 2013

ओ मीत

Image
मेरे गीत तेरी पायलिया है ओ मीत तू मेरी सावरिया है| प्रेम गीत मैं गा रहा हूँ तेरे लिए ही आ रहा हूँ मिलन को बरस रही बादरिया है ओ मीत तू मेरी सावरिया है| मद्धम हवा साथ चली है दिल में दीपक सी उजली है देख   छलक   गयी गागरिया है ओ मीत तू मेरी सावरिया है| अगली पहर तक आ जाऊंगा तुझे दुल्हन बना मैं ले जाऊंगा नजरें उठा जरा तू दुल्हनिया है ओ मीत तू मेरी सावरिया है| © दीप्ति शर्मा  
Image
लहरों को देखकर डर जाते हो तुम आँखें बंद कर सिहर जाते हो तुम जानते हो डूब जाओगे समन्दर में तो जानकर भी पास क्यों जाते हो तुम । © दीप्ति शर्मा  

सुनसान रस्ते

Image
डर सा लगता है अकेले चलने में अँधियारे और तन्हा से उन सुनसान रस्तों पर । जहाँ कोई नहीं गुजरता बस एक एहसास है मेरा जो विचरता है ठहरता है और फिर चल पड़ता है उन सुनसान रस्तों पर । चौराहे तो बहुत हैं पर कोई सिग्नल नही ना कोई आवाज़ आती है जो रोक सके मुझे उन सुनसान रस्तों पर । गहरे कोहरे और जोरदार बारिश में भी पलते हैं ख्याल जो उड़ते दिखायी देते हैं बादलों की तरह और मेरा साथ देते हैं उन सुनसान रस्तों पर । मैं तो बस चलती हूँ अपने अहसास लिये कुछ ख़्वाब लिये और छोड़ जाती हूँ पदचाप मंज़िल पाने की चाह में उन सुनसान रस्तों पर । ©  दीप्ति शर्मा
Image
नववर्ष में आओ हाथ मिलाये साथ मिलकर चल पड़े नव उमंग की चाह में हम बढ़ चले हम चल पड़े । सूरज की रौशनी सा प्रेम भाव ले चले कदम से कदम मिला हम बढ़ चले हम चल पड़े । आपस का बैर भूलकर नये गीत गढ़ चले सफलताऐं साथ लेकर हम बढ़ चले हम चल पड़े । उम्मीदों की किरण जला मुस्कुराती धूप ले चले सुख समृद्धि साथ ले हम बढ़ चले हम चल पड़े । जो गया साल पुराना उसके अनुभव दे चले नया कुछ पाने की चाह में हम बढ़ चले हम चल पड़े । © दीप्ति शर्मा