Posts

Showing posts from June, 2012

किसी की आहटों का अहसास

बुझा हुआ सा चेहरा मुरझाये से हालात कहा करते हैं अक्सर कि इंतज़ार रहेगा तुम्हारा चाँद के ढलने से चाँद के उगने तक.. महसूस करती हूँ कभी वो आहटें और कभी कोई आवाज़ जो मेरा नाम ले प...
Image
इंतिहाऐं इश्क की कम नहीं होती वो अक्सर टूट जाया करती हैं मुकम्मल सी वो कुछ यादें बातों के साथ छूट जाया करती हैं पहलू बदल जाते हैं जिंदगी के उन तमाम किस्सों को जोड़ते जुड़ती है तब जब ये साँसे डूब जाया करती हैं ©दीप्ति शर्मा