वो एक सपना था
जब प्यास लगी तो मैने देखा ,
पानी था नही मदार में ,
वो तो बिक रहा कोडियो में ,
उन अफसरों की दुकान में|
उस पानी को लेने पहुंचे,
हकीम और सुनार हैं
मैं पीने पहुंची उस पानी को ,
वो पानी नही शराब थी ,
अचरज मे जिसने डाल दिया ,
गहरी निद्रा को हिला दिया
मुझे नीद से जगा दिया ,
वो सपना मेरा तोड़ दिया|
पानी था नही मदार में ,
वो तो बिक रहा कोडियो में ,
उन अफसरों की दुकान में|
उस पानी को लेने पहुंचे,
हकीम और सुनार हैं
मैं पीने पहुंची उस पानी को ,
वो पानी नही शराब थी ,
अचरज मे जिसने डाल दिया ,
गहरी निद्रा को हिला दिया
मुझे नीद से जगा दिया ,
वो सपना मेरा तोड़ दिया|
Comments
deepti ji ye idea laati kahan se ho tum
.for future
best of luck
but tm kaun ho