ये अमावस तारीखों में दर्ज हुयी बीत जाएगी, पर जो तुम मन में बसा लिए हो वो अमावस कभी क्या बीत पाएगी ? जवाब यही कि वक्त तो आने दो वक्त भी आया और गया पर अमावस ना खतम हुयी देखो मन तो तुम्हारा अँधेरी सुरंग हुआ जा रहा बदबू साँस रोक रही कैसे जी रहे हो तुम? यहाँ मेरा दम घुट रहा। #अमावसकीरात और #तुमकोसमझतीदीप्ति
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