मैं
मैं कुछ लिखना चाहती हूँ ,
हूँ तन्हा पर पता नहीं ,
पर जिंदगी से अनजान ,
इस कायनात में रहकर
कुछ नाम कमाना चाहती हूँ |
जो मुझे मेरी मंजिल दे ,
और दे वो मुझे सारी ख़ुशी ,
अनजानी उन खुशियों को ,
दिल से महसूस कर ,
जिंदगी को जीना चाहती हूँ |
ख्वाबो को पूरा कर मैं,
इस नीले गगन के नीचे,
पक्छियो की तरह पंख फैला ,
आज़ादी से उड़ना चाहती हूँ |
मैं जिंदगी की राह मे ,
बहुत दूर जाना चाहती हूँ |
हूँ तन्हा पर पता नहीं ,
पर जिंदगी से अनजान ,
इस कायनात में रहकर
कुछ नाम कमाना चाहती हूँ |
जो मुझे मेरी मंजिल दे ,
और दे वो मुझे सारी ख़ुशी ,
अनजानी उन खुशियों को ,
दिल से महसूस कर ,
जिंदगी को जीना चाहती हूँ |
ख्वाबो को पूरा कर मैं,
इस नीले गगन के नीचे,
पक्छियो की तरह पंख फैला ,
आज़ादी से उड़ना चाहती हूँ |
मैं जिंदगी की राह मे ,
बहुत दूर जाना चाहती हूँ |
Comments
best of luck
:-)
पक्छियो की तरह पंख फैला ,
आज़ादी से उड़ना चाहती हूँ |
kya bata hai..sabki chahat hoti hai ye hai na??/
acha laga