तस्वीरें
अक्सर सवाल करती हूँ 
उन टँगी तस्वीरों से 
क्या वो बोलती हैं?? 
नहीं ना !! 
फिर क्यों एक टक 
यूँ मौन रह देखतीं हैं मुझे 
कि जैसे जानती हैं 
हर एक रहस्य जो कैद है 
मन के अँधेरे खँड़रों में 
क्या जवाब दे सकती हैं 
मेरी उलझनों का 
कुछ उड़ते हुए 
असहाय सवालों का 
जो मौन में दबा रखे हैं 
शायद कहीं भीतर ।
©दीप्ति शर्मा 
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