किसी की आत्मा के मर जाने से अच्छा उसका खुद मर जाना है क्योंकि इंसानियत रहेगी तभी इंसान भी बचा रहेगा।
#दुनिया के फेर में फँसी दीप्ति
उसने कहा था आज गुलाब का दिन है न गुलाब लेने का न देने का, बस गुलाब हो जाने का दिन है आज गुलाब का दिन है उसी दिन गुलाब सी तेरी सीरत से गुलाबी हो गयी मैं । - दीप्ति शर्मा
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