creation 10th class दुनिया की भीड़ से कोई पुकार कर रहा है ऐसा लगता है कि हमें कोई याद कर रहा है दिल के गुलशन को आबाद कर रहा है अकेले हैं दुनिया में ये जानकर कोई दरियाफ्त कर रहा है साहिलों में खड़े हो कोई लहरों पर हमारा इंतज़ार कर रहा है । © दीप्ति शर्मा
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Showing posts from March, 2012
क्यों??
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क्यों कभी कोई ख़ामोशी टूटती नज़र नहीं आती मेरे अहसासों के दामन में दबी जुबां से क्यूँ कोई ख़ुशी नज़र नहीं आती वक्त-ए-दुआ देगा कोई इस आसार में जीती मैं पर जीने की कोई उम्मीद दिल में नज़र नहीं आती आगे तो बढ़ना चाहती हूँ मैं पर क्यूँ मुझे आगे बढ़ने की कोई वजह नज़र नहीं आती क्यूँ मेरे लिये किसी की हँसी नज़र नहीं आती । © दीप्ति शर्मा
उसने
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जब झलक गये मेरे आँसू जो दिखे नहीं महसूस हुए पर देख लिया उसने इसको पहचान लिया उसने मुझको उस रिम-झिम सी फुआर में । उलझ गये जब ये केश मेरे जो बिखर गये ना सुलझ सके थाम लिया उसने उनको सम्हाल लिया उसने मुझको उस तूफ़ानी बयार में। पलछिन में उसने छुपा लिया मुझको आँखों में बसा लिया क़ैद किया उसने मुझको अपने गहरे ज़ज्बात में। © दीप्ति शर्मा